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कृपा करे रघुनाथ जी, म्हने सत देवे सीता माता (Kripa Kare Raghunath Ji Mhane Sat Deve Sita Mata)

कृपा करे रघुनाथ जी, म्हने सत देवे सीता माता (Kripa Kare Raghunath Ji Mhane Sat Deve Sita Mata)

कृपा करे रघुनाथ जी,

म्हने सत देवे सीता माता,

श्री बालाजी महाराज,

म्हारे बल बुद्धि रा दाता ॥


जगत पति रघुनाथ जी,

जग जननी सीता माता,

श्री सालासर महाराज,

म्हारे बल बुद्धि रा दाता,

कृपा करें रघुनाथ जी,

म्हने सत देवे सीता माता,

श्री बालाजी महाराज,

म्हारे बल बुद्धि रा दाता ॥


अन्न दाता रघुनाथ जी,

अन्न पूरण सीता माता,

श्री मेहंदीपुर महाराज,

म्हारे बल बुद्धि रा दाता,

कृपा करें रघुनाथ जी,

म्हने सत देवे सीता माता,

श्री बालाजी महाराज,

म्हारे बल बुद्धि रा दाता ॥


कृपा करे रघुनाथ जी,

म्हने सत देवे सीता माता,

श्री बालाजी महाराज,

म्हारे बल बुद्धि रा दाता ॥

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कुंभ में कल्पवास का महत्व

महाकुंभ मेला हर 12 साल में भारत के चार पवित्र स्थलों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—में आयोजित किया जाता है। साल 2025 में यह दिव्य आयोजन प्रयागराज में होगा, जो लगभग 30 से 45 दिनों तक चलेगा।

पेशवाई का इतिहास

महाकुंभ की शुरुआत में अब केवल 15 दिन से भी कम का समय बचा है। इससे पहले, विभिन्न अखाड़े प्रयागराज में अपनी पेशवाई निकाल रहे हैं और नगर में प्रवेश कर रहे हैं। कई अखाड़ों ने अपनी पेशवाई पूरी कर ली है, जिन्हें देखने के लिए प्रयाग का वातावरण उमड़ पड़ा है।

कौन हैं महाकुंभ मेले के रक्षक वेणी माधव

प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है, और साधु-संतों का आगमन शुरू हो चुका है। 13 जनवरी से कल्पवासी भी आने लगेंगे, और यह महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान संगम किनारे करोड़ों श्रद्धालु 45 दिनों तक कल्पवास करेंगे।

क्यों झूठे मुंह मंदिर नहीं जाना चाहिए?

हमारे देश में एक पुरानी कहावत है, "झूठे मुंह मंदिर नहीं जाना चाहिए।" इसका मतलब है कि झूठन मूंह वाले को भगवान के मंदिर में नहीं जाना चाहिए। ये बात हमारी धर्म और संस्कृति से जुड़ी हुई है। जब हम मंदिर जाते हैं तो भगवान से मिलने जाते हैं।

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