कीर्तन रचो है म्हारे आंगने,
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,
कारज सफल करो ।
रिधि-सिद्धि ने सागे लया,
जो अनधन सा भरे जो भंडार,
कारज सफल करो ।
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,
कारज सफल करो ।
सोने री थाली में मोदक ल्याया बाबा,
थे पाओ गोरा जी रा लाल
कारज सफल करो ।
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,
कारज सफल करो ।
फुल्डा माला लाया विनायक,
म्हारे सिर पर रख दीज्यो हाथ,
कारज सफल करो ।
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,
कारज सफल करो ।
म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥
म्हारी झुँझन वाली माँ,
पधारो कीर्तन में,
मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम,
यह हिन्दूस्तान हमारा,
मेरी विपदा टाल दो आकर,
हे जग जननी माता ॥