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जिसने भी है सच्चे मन से (Jisne Bhi Hai Sacche Man Se)

जिसने भी है सच्चे मन से (Jisne Bhi Hai Sacche Man Se)

जिसने भी है सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥


सब देवों में देव निराला,

मेरा डमरू वाला है,

सौ बातों की एक बात ये,

भक्तो का रखवाला है,

भक्तो का हर काम प्रभु ने,

पल में तुरत संवार दिया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥


देवों को अमृत मंथन में,

हिरे मोती लुटा दिए,

जब विष की बारी आई तो,

उसको कैसे कौन पिए,

नीलकंठ था नाम पड़ा तेरा,

जब तुमने विषपान किया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥


भांग धतूरा खाकर भोला,

पर्वत ऊपर वास करे,

संग विराजे पार्वती माँ,

जो भक्तो के कष्ट हरे,

शिवशक्ति के सुमिरण ने,

भक्तो का बेड़ा पार किया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥


जिसने भी है सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥

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हे गणनायक जय सुखदायक (Hey Gananayak Jai Sukhdayak)

हे गणनायक जय सुखदायक,
जय गणपति गणराज रे,

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हे शिव शम्भू करुणा सिंधु
जग के पालनहार,

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हे गणनायक सब सुखदायक,
करो विघ्न सब दूर,

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