हे शिव शम्भू करुणा सिंधु,
जग के पालनहार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार ॥
त्रिलोकी है नाम तुम्हारा,
त्रिलोकी है नाम तुम्हारा,
तेरी दया से जग से उजियारा,
तेरी दया से जग से उजियारा,
कण कण में है वास तुम्हारा,
कण कण में है वास तुम्हारा,
करुणा के भंडार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार ॥
सारे जग के तुम हो स्वामी,
सारे जग के तुम हो स्वामी,
हे जगपालक अंतर्यामी,
हे जगपालक अंतर्यामी,
सियाराम का ध्यान धरे तू,
सियाराम का ध्यान धरे तू,
गिरिजा के भरतार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार ॥
‘हर्ष’ कहूँ क्या तेरी माया,
‘हर्ष’ कहूँ क्या तेरी माया,
तूने ये ब्रम्हांड रचाया,
तूने ये ब्रम्हांड रचाया,
तेरे नाम से हम दीनो का,
तेरे नाम से हम दीनो का,
चलता है संसार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार ॥
हे शिव शम्भू करुणा सिंधु,
जग के पालनहार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार ॥
सनातन धर्म में वरुण देव को जल का देवता माना जाता है।
सागर सागर पार से सिया का,
समाचार लाने वाले,
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है। आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह तिथि नवंबर या दिसंबर के महीने में आती है।
मेरा संकट कट गया जी,
मेहंदीपुर के दरबार में,