सागर सागर पार से सिया का,
समाचार लाने वाले,
हनुमान जी तुम,
राम जी के काम आने वाले,
मैंने बोला है प्रसाद तेरे नाम से,
मेरा मिलन करा दो श्री राम से,
मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥
हे सिया राम के प्यारे,
इक जोगन तुम्हे पुकारे,
विश्वास हैं मेरा प्रियतम,
मिल जाए तुम्हारे द्वारे,
संकट मोचन संकट हर दो,
मंगल के दिल मंगल कर दो,
खाली हाथ ना लौटूँगा मैं,
तेरे धाम से,
मेरा मिलन करा दों श्री राम से,
मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥
वो माने या ना माने,
मैंने मान लिया उसे अपना,
वही मेरा जीवन साथी,
वही मेरे प्राण का सपना,
बिछड़े मीत मिलाने वाले,
सबका काज बनाने वाले,
बड़ी आस लेके आया हूँ,
मैं राम से,
मेरा मिलन करा दों श्री राम से,
मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥
मंगल मूरत मारुती नंदन,
सकल मूल निकंदन,
दुनियाँ के नायक रघुनायक,
दशरथ कौशल्या के नंदन,
चारों जग प्रताप तुम्हारा,
है प्रसिद्ध जगत उजियारा,
गुरु बृजमोहन,
देवेंद्र भी लग जाए काम से,
मेरा मिलन करा दों श्री राम से,
मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥
सागर सागर पार से सिया का,
समाचार लाने वाले,
हनुमान जी तुम,
राम जी के काम आने वाले,
मैंने बोला है प्रसाद तेरे नाम से,
मेरा मिलन करा दो श्री राम से,
मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥
माघ मास की कृष्ण जन्माष्टमी, जो कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह इस साल 2025 में 21 जनवरी को पड़ रही है।
सनातन हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए मासिक कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही खास और पवित्र पर्व माना जाता है। यह दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।
सनातन हिंदू धर्म में, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सनातन हिंदू धर्म में कालाष्टमी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विशेष दिन काल भैरव बाबा को समर्पित है। यदि कोई साधक इस तिथि पर सच्चे मन से भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव बाबा की पूजा करता है।