लहर लहर लहराए रे,
झंडा बजरंग बली का,
लहर लहर लहराए रै,
झंडा बजरंग बली का,
बजरंग बली का,
झंडा बजरंग बली का,
लहर लहर लहराए रे,
झंडा बजरंग बली का ॥
लहर लहर झंडा खाटूश्याम पहुँचा,
कीर्तन की शोभा बढ़ाये रे,
झंडा बजरंग बली का,
लहर लहर लहराए रे,
झंडा बजरंग बली का ॥
लहर लहर झंडा मेहंदीपुर से पहुँचा,
भक्तों के कष्ट मिटाये रे,
झंडा बजरंग बली का,
लहर लहर लहराए रे,
झंडा बजरंग बली का ॥
लहर लहर झंडा सालासर से पहुँचा,
‘शुभम’ की बिगड़ी बनाये रे,
झंडा बजरंग बली का,
लहर लहर लहराए रे,
झंडा बजरंग बली का,
लहर लहर लहराए रे,
झंडा बजरंग बली का ॥
विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है।
हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।
विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।
सनातन धर्म में महाशिवरात्रि बेहद खास मानी गई है। यह दिन देवो के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था।