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झंडा बजरंग बली का (Jhanda Bajrangbali Ka)

झंडा बजरंग बली का (Jhanda Bajrangbali Ka)

लहर लहर लहराए रे,

झंडा बजरंग बली का,

लहर लहर लहराए रै,

झंडा बजरंग बली का,

बजरंग बली का,

झंडा बजरंग बली का,

लहर लहर लहराए रे,

झंडा बजरंग बली का ॥


लहर लहर झंडा खाटूश्याम पहुँचा,

कीर्तन की शोभा बढ़ाये रे,

झंडा बजरंग बली का,

लहर लहर लहराए रे,

झंडा बजरंग बली का ॥


लहर लहर झंडा मेहंदीपुर से पहुँचा,

भक्तों के कष्ट मिटाये रे,

झंडा बजरंग बली का,

लहर लहर लहराए रे,

झंडा बजरंग बली का ॥


लहर लहर झंडा सालासर से पहुँचा,

‘शुभम’ की बिगड़ी बनाये रे,

झंडा बजरंग बली का,

लहर लहर लहराए रे,

झंडा बजरंग बली का,

लहर लहर लहराए रे,

झंडा बजरंग बली का ॥

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विजया एकादशी का व्रत फरवरी 2025

विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है।

विजया एकादशी व्रत कथा 2025

हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

विजया एकादशी व्रत नियम

विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।

महाशिवरात्रि पर चंद्र देव बदलेंगे चाल

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि बेहद खास मानी गई है। यह दिन देवो के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था।

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