राम दीवाना हो मस्ताना,
झूमे देखो बजरंगबली,
बजरंगबली बजरंगबली,
झूमे देखो बजरंगबली ॥
श्री राम की धुन में रहता,
हर दम ये मतवाला,
पवन पुत्र है वीर बजरंगी,
अंजनी माँ का लाला,
इनके चरणों में रहकर के,
साऱी विपदा टली टली,
राम दीवाना हो मस्ताना,
झूमे देखो बजरंगबली ॥
सियाराम के सारे कारज,
पल में ही सवारे,
सीता माँ की सुध लाये,
और लखन के प्राण बचाये,
रावण की लंका में पहुंचे देखो मच गयी है खाल बली,
राम दीवाना हो मस्ताना,
झूमे देखो बजरंगबली ॥
इनकी कृपा पाना चाहो,
राम नाम गुण गालो,
राम बसे इनके हिर्दय में,
तुम इनको हिर्दय में बसा लो,
कलयुग में है इनके नाम की धूम मची है गली गली,
राम दीवाना हो मस्ताना,
झूमे देखो बजरंगबली ॥
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। जैसा कि आपको बता दें कि सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है।
सनातन धर्म में गुरुवार दिन का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन व्रत करने का भी एक अलग ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से और व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
सनातन धर्म में किसी भी दिन उपवास या व्रत की परंपरा बहुत पुरानी और महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि यह धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
सनातन धर्म में सप्ताह के हर एक दिन का अपना एक अलग महत्व होता है। इन्हीं में से एक शनिवार का दिन है, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। इस दिन शनि देव की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।