इतना तो करना स्वामी,
जब प्राण तन से निकले
गोविन्द नाम लेकर,
फिर प्राण तन से निकले ॥
श्री गंगा जी का तट हो,
यमुना का वंशीवट हो,
मेरा सांवरा निकट हो,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तों करना स्वामी जब प्राण ॥
पीताम्बरी कसी हो,
छवि मन में यह बसी हो,
होठों पे कुछ हसी हो,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तों करना स्वामी जब प्राण ॥
श्री वृन्दावन का स्थल हो,
मेरे मुख में तुलसी दल हो,
विष्णु चरण का जल हो,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तों करना स्वामी जब प्राण ॥
जब कंठ प्राण आवे,
कोई रोग ना सतावे,
यम दर्शना दिखावे,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामि जब प्राण ॥
उस वक़्त जल्दी आना
नहीं श्याम भूल जाना
राधा को साथ लाना
जब प्राण तन से निकले
इतना तों करना स्वामि जब प्राण ॥
सुधि होवे नाही तन की,
तैयारी हो गमन की,
लकड़ी हो ब्रज के वन की,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामि जब प्राण ॥
एक भक्त की है अर्जी,
खुदगर्ज की है गरजी,
आगे तुम्हारी मर्जी,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामि जब प्राण ॥
ये नेक सी अरज है,
मानो तो क्या हरज है,
कुछ आप का फरज है,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण ॥
धनु राशि के लिए जनवरी थोड़ा तार-चढ़ाव भरा रहने वाला है। बता दें कि ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की स्थिति के आधार पर किसी राशि का पूर्वानुमान लगाया जाता है। हालांकि, ग्रहों की स्थिति हर महीने अलग-अलग होती है।
जनवरी 2025, की शुरुआत में वृश्चिक राशि के जातकों द्वारा की गई मेहनत और प्रयास का फल उन्हें उम्मीद से कम मिलेगा। जिसके चलते वृश्चिक राशि वालों के मन में हताशा के भाव उत्पन्न होंगे।
जनवरी 2025 में, मकर राशि के जातकों को अपने कार्य को समय पर पूर्ण करने हेतु अधिक परिश्रम और भागदौड़ करनी पड़ेगी। वहीं, महीने की शुरुआत में भूमि-भवन से जुड़े मामले चिंता का कारण बनेंगे। पैतृक संपत्ति की प्राप्ति में भी अड़चनें आ सकती हैं।
कुंभ राशि के जातकों के लिए जनवरी का महीना मिलाजुला रहेगा। बता दें कि ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की स्थिति के आधार पर राशि के बारे में जाना जाता है। वहीं, ग्रहों की स्थिति भी प्रत्येक माह भिन्न होती है।