हे भोले बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा,
डमरू वाला दीनदयाला,
डमरू वाला दीनदयाला,
ध्यान धरूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे ध्यान धरूँ तेरा,
हे भोलें बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥
जीवन से तुम दुःख के कांटे,
शंकर अब मिटा दो,
मैं भी हंसना गाना चाहूँ,
सुख के फूल खिला दो,
हे महादेवा हाथ जोड़ के,
हे महादेवा हाथ जोड़ के,
वंदन करूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे वंदन करूँ तेरा,
हे भोलें बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥
मारग से फिरूं भटका भटका,
राह सही दिखला दो,
रस्ता मुश्किल धुंधली मंजिल,
ज्ञान का दीप जला दो,
उमापति महाकाल महेश्वर,
उमापति महाकाल महेश्वर,
दास रहूं तेरा,
ओ शम्भू मेरे दास रहूं तेरा,
हे भोलें बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥
जीवन का आधार तू ही है,
तू ही मेरा सहारा,
प्यारा लगता बाबा मुझको,
चौखट तेरा द्वारा,
गंगाधर मेरे शिव शंकर,
गंगाधर मेरे शिव शंकर,
बालक हूँ मैं तेरा,
ओ शम्भू मेरे बालक हूँ मैं तेरा,
हे भोलें बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥
हे भोले बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा,
डमरू वाला दीनदयाला,
डमरू वाला दीनदयाला,
ध्यान धरूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे ध्यान धरूँ तेरा,
हे भोलें बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,
ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥
हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बहुत महत्व है। हर एक त्योहार और व्रत से जुड़ी कई कथाएं होती हैं, जिन्हें पढ़ने और जानने से व्यक्ति को धार्मिक लाभ होते हैं।
सनातन परंपरा के अनुसार परिवर्तनी एकादशी व्रत का बहुत अधिक महत्व माना जाता है।
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु त्रिदेवों में प्रमुख और सृष्टी के संचालक या पालनहार के रूप में पूजे जाते हैं।
भाद्रपद मास जिसे हिंदू धर्म में त्योहारों का महीेने कहा जाता है अपने आप में एक विशिष्ट ऊर्जा और श्रेष्ठता से भरा हुआ महीना है।