भजो रे भैया,
राम गोविंद हरि,
राम गोविंद हरि,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
जप तप साधन,
कछु नहीं लागत,
खरचत नहिं गठरी,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
संतत संपत,
सुख के कारण,
जासे भूल परी,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
कहत कबीरा,
जिन मुख राम नहीं,
ता मुख धूल भरी,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
भजो रे भैया,
राम गोविंद हरि,
राम गोविंद हरि,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी, महाशिवरात्रि के दिन होगा, इस दिन भारी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। 26 फरवरी, महाशिवरात्रि के दिन, संगम पर होने वाले अंतिम शाही स्नान के साथ ही इस आयोजन का समापन हो जाएगा।
महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद अब सभी अखाड़े और साधु- संन्यासी इस समय काशी में हैं। बाबा विश्वानाथ की पूजा-आराधना के बिना महाकुंभ का शाही स्नान शैव संप्रदाय के नागा साधुओं के लिए अधूरा माना जाता है।
Aaj Ka Panchang 25 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और परिघ योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा धनु राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि है। वहीं आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर श्रवण नक्षत्र और परिघ और शिव योग का संयोग बन रहा है।