हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी से जुड़ा होता है। इसे लक्ष्मी व्रत या शुक्रवार व्रत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि हो। शुक्रवार का दिन व्रति, उपवास और पूजा के लिए शुभ माना जाता है, खासकर महिलाओं द्वारा, क्योंकि यह दिन उनके लिए विशेष रूप से पुण्यदायक होता है। इस दिन लक्ष्मी जी के साथ-साथ देवताओं के अन्य रूपों की भी पूजा की जाती है, और विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। अब ऐसे में शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सामग्री क्या है और पूजा की विधि के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
मां लक्ष्मी की पूजा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर और आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है।
सनातन धर्म में भाद्रपद माह को सभी माह में विशेष माना जाता है। इस माह को भगवान कृष्ण के जन्म से जोड़ा गया है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में, यशोदा जयंती का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन व्रत के साथ माता यशोदा और भगवान श्री कृष्ण के पूजन का भी विधान है। इस पर्व पर शुद्ध भाव से पूजा-पाठ, व्रत और सेवा करने से माता यशोदा और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में यशोदा जयंती बहुत ही पावन मानी गई है। इस दिन को भगवान श्री कृष्ण की मां यशोदा के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था।
सनातन हिंदू धर्म में, यशोदा जयंती, माता यशोदा के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। माता यशोदा को भगवान श्रीकृष्ण की माता के रूप में माना जाता है।