भारतीय संस्कृति में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इसी कारण, किसी भी नए कार्य की शुरुआत भगवान की आराधना के साथ की जाती है। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण परंपरा वाहन पूजा है।
हमारे देश में कार, बाइक, ट्रक, बस और अन्य वाहन न केवल यात्रा के साधन हैं, बल्कि हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं। हम इनका उपयोग दैनिक जीवन के कई कार्यों में करते हैं। इसलिए, भारतीय परंपरा में वाहनों को देवता के समान मानकर उनकी पूजा की जाती है।
आमतौर पर यह पूजा नई गाड़ी खरीदने पर, विजयदशमी, विश्वकर्मा जयंती या अन्य शुभ अवसरों पर की जाती है। इसका उद्देश्य भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करना और दुर्घटनाओं से बचाव की प्रार्थना करना होता है। आइए, जानते हैं वाहन पूजा का महत्व और इसकी विधि।
वाहन पूजा का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। मान्यता है कि वाहनों की पूजा करने से यात्रा सुखद और सुरक्षित होती है।
वाहन पूजा की विधि बहुत ही सरल है। इसे घर पर ही आसानी से किया जा सकता है। पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- फूल
- रोली (कुमकुम)
- चंदन
- दीपक
- धूपबत्ती
- नारियल
- मिठाई
पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान
है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द
साँवरियो है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल,
सावली सूरतिया हाथो मे बाँसुरिया,
सर को झुकालो,
शेरावाली को मानलो,