हिंदू धर्म में बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, और बुधवार को उनका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से गणेश जी की पूजा करके लोग अपने कार्यों में सफलता और समृद्धि की कामना करते हैं। वहीं, कुछ लोग इस दिन व्रत रहकर ध्यान और साधना करते हैं, ताकि उनका जीवन समृद्ध और सुखमय हो। इसके अलावा, बुधवार का दिन बुध ग्रह से भी जुड़ा हुआ है, जो ज्योतिष में व्यापार, बुद्धि, और संचार का प्रतीक माना जाता है। अब ऐसे में बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है और पूजन सामग्री क्या है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जान लें।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला माना जाता है। प्रत्येक बुधवार के शुभ दिन गणेशजी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है और उसके जीवन से सभी तरह की रुकावटें दूर होती हैं। शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। बुधवार को गणेश पूजा करने से विशेष रूप से मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि और विघ्नों से मुक्ति मिलती है।
समतापुर नगर में मधुसूदन नामक एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत धनवान था। मधुसूदन का विवाह बलरामपुर नगर की सुंदर लड़की संगीता से हुआ था।
सालों पहले नल नामक एक राजा राज किया करते थे। उनकी पत्नी का नाम दमयंती था। दोनों अपने दो बेटों के साथ सुखी जीवन जी रहे थे।
प्राचीनकाल में एक गरीब पुजारी हुआ करता था। उस पुजारी की मृत्यु के बाद उसकी विधवा पत्नी अपने भरण-पोषण के लिए पुत्र को साथ लेकर भीख मांगती हुई शाम तक घर वापस आती थी।
इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर बोले- हे दशी जनार्दन आपको नमस्कार है। हे देवेश ! मनुष्यों के कल्याण के लिए मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का नाम एवं माहात्म्य वर्णन कर यह बतलाइये कि उसकीएकादशी माहात्म्य-भाषा विधि क्या है?