अगर आप पितृपक्ष के अवसर पर पिंडदान के लिए बिहार के गया आ रहे हैं और ठहरने के लिए महंगे होटलों में पैसे खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। बिहार सरकार ने तीर्थ यात्रियों के लिए निशुल्क ठहरने की विशेष व्यवस्था की है। इस वर्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन के दौरान, तीर्थयात्री गया के गांधी मैदान में स्थापित ‘टेंट सिटी’ में आराम से विश्राम कर सकते हैं।
गया जिले में पितृपक्ष महासंगम मंगलवार, 17 सितंबर से शुरू हो चुका है, जिसमें देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु अपने पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान करने पहुंच रहें हैं। पिंडदान की यह परंपरा गया में सालों से चली आ रही है, और हर साल इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु यहां एकत्रित होते हैं।
हालांकि गया में कई होटल और धर्मशालाएं मौजूद हैं, परंतु सरकार ने उन तीर्थयात्रियों के लिए निशुल्क आवास की व्यवस्था की है जो होटल में ठहरने की स्थिति में नहीं हैं। सरकार के इस प्रयास से अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को आराम और सुविधा मिल सकेगी।
गया के गांधी मैदान में इस बार सरकार द्वारा 2500 बेड का विशाल टेंट सिटी तैयार किया गया है। यह व्यवस्था 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक उपलब्ध रहेगी। इस टेंट सिटी में तीर्थ यात्रियों को होटल जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यहां साफ-सफाई, खाना-पीना, और सुरक्षा के साथ-साथ यात्रियों की सुविधा के लिए लॉकर की भी व्यवस्था की गई है।
टेंट सिटी में रहने वाले तीर्थ यात्रियों को निशुल्क भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा। गया शहर के समाजसेवी 16 दिनों तक यात्रियों के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था करेंगे। इसके अतिरिक्त, जीविका दीदी की रसोई का भी संचालन किया जा रहा है, जहां तीर्थयात्रियों को उचित दाम पर स्वादिष्ट भोजन मिलेगा। इतना ही नहीं बल्कि टेंट सिटी में ठहरने वाले यात्रियों के लिए पेयजल, स्नानघर, शौचालय, पंखा, कूलर, और आरामदायक बेड की सुविधा दी गई है। इसके अलावा, यात्रियों को घाट और मंदिर तक पहुंचने के लिए निशुल्क ई-रिक्शा सेवा भी प्रदान की जाएगी। इस तरह, तीर्थ यात्री बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक कार्यों को पूरा कर सकेंगे।
गया के जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम ने बताया कि पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से इस टेंट सिटी का निर्माण किया गया है। साथ ही, कई सरकारी भवनों और स्कूलों को भी श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए चयनित किया गया है। इस वर्ष, गांधी मैदान में बने टेंट सिटी की क्षमता 2500 तक बढ़ा दी गई है, जो कि पिछले साल 1600 थी। इसके अलावा, बोधगया की मोनेस्ट्री और अन्य सामुदायिक भवनों में भी श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने लगभग 15,000 लोगों के लिए ठहरने की व्यवस्था की है, ताकि किसी भी तीर्थ यात्री को असुविधा का सामना न करना पड़े। बता दें कि बिहार के गया में पिंडदान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह टेंट सिटी एक शानदार और सुविधाजनक विकल्प है। अगर आप भी गया में अपने पितरों का पिंडदान करने आ रहे हैं और होटल या धर्मशाला में ठहरने की स्थिति में नहीं हैं, तो निशुल्क टेंट सिटी में ठहरने का लाभ उठा सकते हैं.
टेंट सिटी में ठहरने के लिए आपको किसी अग्रिम बुकिंग की आवश्यकता नहीं है। यहां पहुंचने पर सीधे पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है, जहां आपको निशुल्क बेड और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। आप गया रेलवे स्टेशन से या गया बस स्टैंड से टेंट सिटी तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके लिए निशुल्क ई-रिक्शा सेवा भी उपलब्ध कराई गई है। गया शहर में आने वाले तीर्थ यात्री आसानी से गांधी मैदान तक पहुंच सकते हैं, जहां यह विशाल टेंट सिटी स्थित है।
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सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी और भगवान शुक्र देव को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर श्रद्धा और विधिपूर्वक कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए तो धन, सुख और सौंदर्य से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
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हर सप्ताह का एक खास दिन होता है और रविवार सूर्य देव को समर्पित माना गया है। यह दिन शक्ति, ऊर्जा और आत्मविश्वास से जुड़ा होता है। मान्यता है कि रविवार के दिन विशेष मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को मान-सम्मान, यश और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।