सगाई का दिन, जिंदगी का वह खास पल जब दो दिल एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और एक नई यात्रा की शुरुआत होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खास दिन को और भी यादगार बनाने के लिए सही मुहूर्त का चुनाव कितना महत्वपूर्ण है? अगर आप अप्रैल 2025 में सगाई करने की योजना बना रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी होगी।
सगाई, जिसे रिंग सेरेमनी के नाम से भी जाना जाता है, दो आत्माओं के मिलन का प्रतीक है। यह एक ऐसा पल है, जिसे आप और आपका साथी जीवन भर याद रखते हैं। लेकिन इस पल को और भी खास बनाने के लिए सही तिथि और मुहूर्त का चुनाव करना आवश्यक है। सही समय पर की गई सगाई न केवल आपके जीवन को सुखमय बनाती है, बल्कि यह आपके रिश्ते की मजबूती का भी प्रतीक है। तो आइए इस लेख में अप्रैल 2025 के सगाई के शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अगर आप अप्रैल 2025 में सगाई करने की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ शुभ मुहूर्त हैं जो आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं:
1) 2 अप्रैल 2025, बुधवार
2) 5 अप्रैल 2025, शनिवार
3) 8 अप्रैल 2025, मंगलवार
4) 11 अप्रैल 2025, शुक्रवार
5) 14 अप्रैल 2025, सोमवार
6) 18 अप्रैल 2025, शुक्रवार
7) 21 अप्रैल 2025, सोमवार
8) 24 अप्रैल 2025, गुरुवार
9) 28 अप्रैल 2025, सोमवार
सगाई के लिए शुभ मुहूर्त का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह आपके जीवन को सुखमय, समृद्ध और सफल बनाने में मदद करती है। सही मुहूर्त में की गई सगाई आपके रिश्ते की मजबूती का प्रतीक है और आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है। यह आपके करियर और व्यक्तिगत जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है और आपके जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाती है। इसलिए सगाई के लिए शुभ मुहूर्त का चुनाव करना आवश्यक है ताकि आपका जीवन सुखमय और समृद्ध हो।
हिंदू पंचांग में कालाष्टमी एक विशेष तिथि मानी जाती है, जो प्रत्येक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती है। यह दिन भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव को समर्पित होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 18 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि के साथ बुधवार का दिन है। इसके साथ ही आज पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के साथ प्रीति और आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है।
हिंदू धर्म में कालाष्टमी तिथि को भगवान शिव के रौद्र और रक्षक रूप काल भैरव की उपासना का विशेष दिन माना जाता है। हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाने वाली यह मासिक कालाष्टमी तिथि भक्तों के लिए भय, शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने का एक शुभ अवसर होती है।
हिंदू धर्म में कालाष्टमी तिथि भगवान शिव के रक्षक और उग्र रूप काल भैरव की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। 2025 में यह शुभ तिथि 18 जून, बुधवार को आ रही है।