Aaj Ka Panchang 19 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। वहीं आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर स्वाति नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है। इस दिन राहुकाल दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 02 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से व्यापार में लाभ हो सकता है और रिद्धि-सिद्धि में भी वृद्धि होती है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज बुधवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
शतभिषा नक्षत्र, जो कुंभ राशि में स्थित है, भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी राहु है, जिसे छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है। शतभिषा का अर्थ है 'सौ चिकित्सक', जो इस नक्षत्र के विशेषताओं को दर्शाता है। शतभिषा नक्षत्र गुप्त विज्ञान, ज्योतिष और रहस्यमयी ज्ञान से जुड़ा हुआ है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति में इन क्षेत्रों में रुचि और ज्ञान हो सकता है।
19 फरवरी को स्वाति नक्षत्र और वृद्धि योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि और सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। आज बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करें। इस दिन व्रत जरूर रखें और बप्पा को मोदक के साथ-साथ दुर्वा जरूर चढ़ाएं। ऐसी मान्यता है कि बप्पा की पूजा करने से व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है।
आज स्वाति नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। आज बुधवार है, जो गणेश जी को समर्पित है। आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की सपतमी तिथि है। आज के दिन आप नए काम शुरू कर सकते हैं। यात्रा कर सकते हैं। किसी शुभ कार्य में भाग ले सकते हैं। अपने मित्रों और परिवार के साथ समय बिता सकते हैं। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है। आप आज के दिन किसी जरूरतमंद को दान कर सकते हैं।
हिंदू धर्म में, पूर्णिमा का विशेष महत्त्व होता है। प्रत्येक महीने में एक बार पूर्णिमा का व्रत आता है। यह माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा भी की जाती है।
हिंदू धर्म में, पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन जल और प्रकृति में एक अद्भुत ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो मानव जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा 2025 और भी विशेष बन गई है।
सनातन हिंदू धर्म में, पूर्णिमा तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रिय है। माघ पूर्णिमा के पर्व को वसंत ऋतू के आगमन के दौरान मनाया जाता है।
ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ललिता माता आदिशक्ति त्रिपुर सुंदरी, जगत जननी मानी जाती हैं।