शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहते हैं, माता शीतला को समर्पित एक पवित्र पर्व है। यह होली के बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर इसे होली के आठ दिन बाद पहले सोमवार या शुक्रवार को भी मनाते हैं। इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है और बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में यह पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
2025 में, शीतला अष्टमी का व्रत शनिवार, 22 मार्च 2025 को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 22 मार्च को सुबह 4:23 बजे शुरू होकर 23 मार्च को सुबह 5:23 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए, व्रत और पूजा 22 मार्च को संपन्न किए जाएंगे।
शीतला माता की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। इस वर्ष शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:23 बजे से लेकर शाम 6:33 बजे तक रहेगा। यानी पूजा के लिए 12 घंटे 11 मिनट का शुभ समय मिलेगा।
पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?
पूर्णिमा यानी शुक्ल पक्ष का 15वां दिन। यह महीने में 1 बार आती है। इस तरह पूरे साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इस साल 2025 पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को है। पौष पूर्णिमा पर स्नान व दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
पूर्णिमा तिथि महीने में 1 बार आती है। इस तरह पूरे साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इन्हीं पूर्णिमा तिथ्यों में से एक है पौष माह की पूर्णिमा। वैसे तो हर महीने की पूर्णिमा तिथि शुभ होती है, लेकिन इस साल पौष पूर्णिमा खास होने जा रही है।
मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। तब ये पर्व मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा।