Shani Jayanti Upay: शनि जयंती पर एक छोटी सी भूल भी पड़ेगी भारी, इन बातों का रखें खास ध्यान
शनि जयंती, भगवान शनि के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को आती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस साल शनि जयंती 27 मई, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन शनिदेव की पूजा, शनि चालीसा का पाठ तथा दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मगर शास्त्रों के अनुसार, इस दिन विशेष रूप से कुछ कार्यों को करना वर्जित माना गया है। इससे शनिदेव की कृपा प्राप्ति में बाधा आ सकती है।
शनि चालीसा को सही उच्चारण के साथ पढ़ें
- इस दिन मांसाहार और शराब से दूर रहें, केवल सात्विक भोजन करना ही शुभ माना जाता है।
- कोई भी तीखा या नुकीली वस्तु खरीदने से बचें। साथ ही, इस दिन लोहे से बनी वस्तुएं घर न लाएं।
- शनि जयंती के दिन तुलसी के पौधे से पत्ते तोड़ने से बचें।
- शनि जयंती पर तेल चढ़ाना शुभ होता है, परन्तु नियमों का पालन करते हुए करें।
- यदि आप इस दिन दूध या दही का सेवन करते हैं, तो उसमें थोड़ा सा हल्दी या गुड़ मिलाकर सेवन करें। इससे शनि दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- पूजा के दौरान लाल रंग कपड़े या लाल फूलों का उपयोग करने से बचें क्योंकि लाल रंग शनि देव के शत्रु मंगल ग्रह को दर्शाता है।
- शनि चालीसा का पाठ सही उच्चारण के साथ करें। यह शनिदेव को प्रसन्न करने का अत्यंत प्रभावी उपाय माना गया है, इसलिए इसका पाठ अवश्य करें।
शाम को पीपल के पेड़ की सात बार करें परिक्रमा
- शनिदेव की विधिवत रूप से पूजा करें।
- सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करें।
- शनि चालीसा, हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें।
- गरीबों को दान दें, जैसे वस्त्र, जूते-चप्पल, भोजन, काला तिल और लोहे की वस्तुएं।
- पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और उसकी सात बार परिक्रमा करें।
- काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
- अपनी छाया सरसों के तेल में देखकर उसे दान करें। इससे शारीरिक रोग दूर होता है।
- पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें।
- यदि कुंडली में शनि साढ़ेसाती या ढैय्या हो, तो हवन, यज्ञ, या हवन अवश्य करवाएं।