परशुराम जयंती हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह वही तिथि है जब भगवान विष्णु ने धर्म की रक्षा के लिए छठा अवतार लिया था, जो भगवान परशुराम है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान परशुराम ब्राह्मण कुल में जन्मे थे, लेकिन उनके अंदर क्षत्रिय जैसी ताकत और युद्ध कौशल भी था, इसलिए उन्हें ब्रह्मक्षत्रिय कहा जाता है।
‘ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्’ इसका अर्थ है कि हम उस ब्रह्मक्षत्र भगवान को जानते हैं, जो क्षत्रियों के संहारक हैं। हम उन्हें ध्यान में रखते हैं और वह परशुराम हमें सत्य और साहस की प्रेरणा दें।
यह मंत्र भगवान परशुराम के ब्रह्मक्षत्र रूप से सम्बंधित है, जो सत्य, पराक्रम, और साहस के प्रतीक हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंत्र के जाप से भक्तों को जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
‘ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्’ इसका अर्थ है कि हम जमदग्नि पुत्र महावीर परशुराम को जानते हैं, हम उन्हें ध्यान में रखते हैं, वे हमें वीरता और धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा दें।
इस मंत्र में भगवान परशुराम के महावीर रूप का बखान किया गया है। इस मंत्र से व्यक्ति को वीरता और साहस की प्रेरणा मिलती है, ताकि वह जीवन में हर कठिनाई का सामना कर सके। ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से व्यक्ति में धर्म की शक्ति और मानसिक दृढ़ता आती है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सही तरीके से सामना कर पाता है।
इस सप्ताह कौन-कौन से व्रत और पर्व आने वाले हैं? कौन सा व्रत कब रखा जाएगा और उसका क्या महत्व है? ऐसे सवाल हर लोगों के मन में होते हैं। तो आपको बता दें कि जून 2025 का तीसरा सप्ताह धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद खास माना जा रहा है।
हिंदू पंचांग के अनुसार जून का चौथा सप्ताह धार्मिक दृष्टि से काफी खास है। इस हफ्ते कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आ रहे हैं, जिनमें भगवान शिव, विष्णु, गणेश और देवी शक्ति की पूजा का विशेष महत्व रहेगा।
आज 17 जून 2025 को आषाढ़ माह का छठवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि षष्ठी है। आज मंगलवार का दिन है। सूर्य मिथुन में और चंद्र देव कुंभ राशि में रहेंगे।
आज 18 जून 2025 को आषाढ़ माह का सातवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि सप्तमी है। आज बुधवार का दिन है। सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेंगे।