Mohini Ekadashi Niyam: मोहिनी एकादशी पर न करें ये काम, वरना झेलनी पड़ सकती है परेशानी, जानें क्या करें और क्या न करें
Mohini Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत बड़ा महत्व होता है। पंचांग के अनुसार हर महीने में दो एकादशी आती हैं – एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इस तरह साल भर में कुल 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं। इनमें से वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप को समर्पित होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। हालांकि इस दिन आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं इस दिन क्या करें और क्या नहीं…
मोहिनी एकादशी 2025 की तिथि
पंचांग के अनुसार, मोहिनी एकादशी की शुरुआत 7 मई 2025 को सुबह 10:19 बजे होगी और इसका समापन 8 मई 2025 को दोपहर 12:29 बजे होगा। हालांकि एकादशी व्रत उदया तिथि के अनुसार किया जाता है, इसलिए यह व्रत 8 मई 2025 को रखा जाएगा।
मोहिनी एकादशी का महत्व
यह एकादशी भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा के लिए जानी जाती है। पुराणों में बताया गया है कि भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर असुरों से अमृत को देवताओं को दिलवाया था। यह रूप बहुत आकर्षक था और इसी रूप को याद करते हुए इस दिन पूजा की जाती है। मान्यता है की इस व्रत को करने से जीवन में सुख-शांति आती है, पापों से मुक्ति मिलती है और घर में समृद्धि आती है।
मोहिनी एकादशी पर क्या करें?
- एक दिन पहले दशमी तिथि की रात को ही सात्विक भोजन करें और व्रत का संकल्प लें।
- एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें। पीला रंग भगवान विष्णु को प्रिय है।
- इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा करें। उन्हें चंदन का तिलक लगाएं, तुलसी के पत्ते, पीले फूल और जौ अर्पित करें
- इस बात का ख़ास ध्यान रखें की तुलसी के पत्ते पहले से तोड़कर रख लें। एकादशी के दिन तुलसी को न तोड़ें और न ही उसे छुएं।
- इस दिन गाय को हरा चारा या गुड़ खिलाना पुण्य दायक माना जाता है।
- व्रत के अंत में अनाज, गुड़, वस्त्र या धन का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और आर्थिक कष्ट दूर होते हैं।
मोहिनी एकादशी पर क्या न करें?
- इस दिन लहसुन, प्याज, मांस, मछली, अंडा और शराब जैसी तामसिक चीजों का सेवन न करें। चावल भी नहीं खाने चाहिए।
- इस दिन काले या गहरे रंग के कपड़े न पहनें। भगवान विष्णु को हल्के, पीले रंग प्रिय होते हैं।
- एकादशी के दिन तुलसी को न तोड़ें और न ही उसमें जल डालें। पूजा में इस्तेमाल के लिए तुलसी पत्ते एक दिन पहले तोड़कर रख लें।
- किसी का अपमान करना विशेष रूप से इस दिन अशुभ माना जाता है। मन में किसी के लिए बुरा न सोचें।
- मन को शांत रखें, ज्यादा बोलने से बचें और झगड़े से दूर रहें।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। वहीं आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र और साध्य योग के साथ सिद्ध योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। वहीं आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र और शुभ के साथ-साथ शुक्ल योग का संयोग बन रहा है।
Aaj Ka Panchang 03 march 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। वहीं आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर अश्विनी नक्षत्र और शुक्ल के साथ-साथ ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा मेष राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर भरणी नक्षत्र और इंद्र योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मेष राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।