हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी ‘जिसे गंगा जयंती भी कहा जाता है’ एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में श्रद्धा और भाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी की पूजा, स्नान और दान का विशेष महत्व होता है और इस बार इस गंगा सप्तमी 3 मई, शनिवार को मनाई जाएगी।
इस साल गंगा सप्तमी की तिथि 3 मई, शनिवार को सुबह 7:51 बजे शुरू होगी और 4 मई, रविवार को सुबह 7:18 बजे सप्तमी तिथि समाप्त होगी। इस दिन पूजा का सर्वोत्तम समय 3 मई को सुबह 10:58 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक रहेगा। यह समय विशेष रूप से पूजा, स्नान और दान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
गंगा सप्तमी का पर्व विशेष रूप से गंगा नदी की पूजा और स्नान के लिए मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मगर जो लोग गंगा नदी नहीं जा सकते हैं, वे अपने घर पर ही गंगाजल का उपयोग करके स्नान कर सकते हैं। इससे भी पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस साल गंगा सप्तमी के दिन त्रिपुष्कर योग, रवियोग और शिवावास योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र भी हैं, जो इस दिन की महिमा को और बढ़ाते हैं। ऐसे में इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का फल कई गुना प्राप्त होता है।
भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु और साधु-संत प्रयाग के संगम तट पर डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण नागा साधुओं और साध्वियों की उपस्थिति है, जिनकी जीवनशैली हमेशा चर्चा का विषय रहती है।
मकर संक्राति पर 14 जनवरी को महाकुंभ का पहला अमृत (शाही) स्नान हुआ। इस दौरान 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। शाही स्नान सुबह 6 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे खत्म हुआ। इस दौरान 13 अखाड़े के साधु संतों ने संगम में डुबकी लगाई।
हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। यह वह अवधि होती है जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं और गुरु ग्रह के साथ युति बनाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस अवधि में सूर्य और गुरु दोनों ही प्रभावहीन हो जाते हैं जिसके कारण शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत जिसे संकट हारा या सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इसे भगवान गणेश की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।