होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे रंगों और उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी होली को होलिका दहन कहा जाता है। इस दिन समाज में बुराइयों के अंत और अच्छाइयों की विजय का संदेश दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन होलिका दहन करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे प्रारंभ होगी और 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे समाप्त होगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल त्रिपुर भैरवी जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिन मां काली को समर्पित है, जो शक्ति और सामर्थ्य की प्रतीक हैं। मां काली की पूजा शास्त्रों में बहुत ही फलदायी मानी गई है।
ज्योतिष शास्त्र में बुधदेव को सभी ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है और इन्हें ज्ञान, वाणी, बुद्धि और व्यापार का कारक माना जाता है।
राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,
राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,
राधे राधे कहिए
लगदे नहीं रुपये