Logo

चैत्र नवरात्रि व्रत में क्या खाएं

चैत्र नवरात्रि व्रत में क्या खाएं

Chaitra Navratri Food: नवरात्रि के दौरान क्या खाएं क्या नहीं, जानिए व्रत के दौरान खान-पान की सही विधि और नियम 


आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि प्राप्ति, मोक्ष के लिए चैत्र नवरात्रि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित है। साल में दो प्रत्यक्ष नवरात्रि मनाई जाती हैं, चैत्र और आश्विन माह की शारदीय नवरात्रि, लेकिन चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि इसके पहले दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। लोग घटस्थापना से लेकर राम नवमी तक व्रत रखते हैं। यहां जानें नवरात्रि के 9 दिनों तक कैसे रखें व्रत, क्या हैं नियम, मां की पूजा होगी सफल।

चैत्र नवरात्रि में ऐसे रखें व्रत?


नवरात्रि के दौरान रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, लघु उपवास, अधोपवास और पूर्णोपवास किया जा सकता है। आप अपनी श्रद्धा के अनुसार व्रत रख सकते हैं। ध्यान रखें कि जो लोग 9 दिन के व्रत का संकल्प ले रहे हैं, उन्हें पहले दिन से लेकर नवमी तक व्रत पूरा करना चाहिए। अगर कोई गंभीर बात हो, तो ही माता से क्षमा मांगकर व्रत तोड़ सकते हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार जो लोग पूरे 9 दिन व्रत नहीं रख सकते, उन्हें आखिरी दो दिन यानी महाष्टमी और महानवमी को व्रत रखना चाहिए। मान्यता है कि इससे पूरे नौ दिन व्रत रखने का पूरा लाभ मिलता है।

नवरात्रि व्रत में जानें क्या खाएं 


अगर आप एक समय व्रत रखने का संकल्प लेते हैं, तो दिन में एक बार फल खा सकते हैं। या फिर आप कुट्टू, सिंघाड़े का आटा, दूध, साबूदाना, आलू का सेवन भी कर सकते हैं। नवरात्रि व्रत में आमतौर पर सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है।

नवरात्रि व्रत के नियम


  • नवरात्रि व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें। पूरे 9 दिन काले कपड़े न पहनें।
  • भक्तों को दिन में सोने से बचना चाहिए।
  • व्रत के नौ दिनों के दौरान, भक्तों को शराब, तंबाकू और मांसाहारी भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • नवरात्रि व्रत के दौरान नाखून काटने, बाल कटवाने या दाढ़ी बनाने से बचना चाहिए।
  • अष्टमी या नवमी को व्रत खोलने से पहले किसी कन्या को भोजन कराएं और फिर हवन करने के बाद ही भोजन करें।

........................................................................................................
देवो के देव हे महादेव (Devo Ke Dev He Mahadev)

नाथों के नाथ महादेव शिव शंकर
भीड़ में सुनसान में साक्षात् शम्भुनाथ

देवो में सबसे बड़े, मेरे महादेव हैं (Devo Me Sabse Bade Mere Mahadev Hai)

देवो में सबसे बड़े,
मेरे महादेव हैं,

देवों के देव है ये, महादेव कहलाते है (Devon Ke Dev Hai Ye Mahadev Kahlate Hai)

सबको अमृत बांटे,
खुद विष पि जाते है,

देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,
दौड़े अमृत के लिए,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang