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देवो के देव हे महादेव (Devo Ke Dev He Mahadev)

देवो के देव हे महादेव (Devo Ke Dev He Mahadev)

नाथों के नाथ महादेव शिव शंकर

भीड़ में सुनसान में साक्षात् शम्भुनाथ

ॐ की गुंजार में ओमकार शिव नाथ

दृश्य या अदृश्य हर पुकार में हर हर

शून्य शिखर सूक्षम वृहद् हर हर भोले नाथ


देवो के देव हे महादेव

विश्वेश्वरा सर्वोपरि त्वमेव

देवो के देव हे महादेव

परमेश्वरा हे शम्भू एक मेव


भक्ति ज्ञान ध्यान योग मनन जाप में

कष्ट विपदा जटिल कुटिल तपन ताप में

यक्ष दक्ष देव गन्धर्वो के राग में

नहीं में भी हाँ हाँ शिव पर प्रताप में

दसो दिशाओ नवो खंड आठ पहर हर हर हर..


देवो के देव हे महादेव

विहंगम जंगम हे शम्भू एकमेव

विश्वेश्वरा सर्वोपरि तवमेव

देवो के देव हे महादेव


देवो के देव हे महादेव

विश्वेश्वरा सर्वोपरि त्वमेव

देवो के देव हे महादेव

परमेश्वर हे शम्भू एक मेव

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गोवर्धन महाराज की नाभि में दीपक क्यों जलाया जाता है

गोवर्धन पूजा के दिन भक्त गोवर्धन महाराज की नाभि पर दीपक जलाते हैं। इस प्रथा के पीछे भगवान कृष्ण से जुड़ी एक रोचक कथा है।

भाई दूज पर भूलकर भी न करें ये काम

भाई दूज का पर्व पांच दिवसीय दीपोत्सव का अंतिम दिन है। जिसे कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई का तिलक करती हैं, यमराज की पूजा करती हैं और उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं।

भाई दूज पर क्यों होती है चित्रगुप्त भगवान की पूजा

माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ है। इन्हें देवताओं के मुख्य लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है।

भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा विधि

माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ है। इन्हें देवताओं के मुख्य लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है।

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