उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
तू संबल नाम का लेकर,
किनारों से किनारा कर
किनारे टूट जाते हैं,
किनारो का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
पथिक तू अक्लमंदी पर,
बिचारो पर ना इतराना
कहाँ कब मन बिगड़ जाये,
बिचारो का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता।
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता॥
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय गङ्गाधर हर, जय गिरिजाधीशा।
त्वं मां पालय नित्यं, कृपया जगदीशा॥