तुम्ही मेरी नइया,
किनारा तुम्ही हो,
मेरी जिंदगी का,
सहारा तुम्ही हो,
तुम्ही मेरी नईया,
किनारा तुम्ही हो ॥
ये नर तन का चोला,
बनाया है तुमने,
सभी अंग ढ़ंग से,
सजाया है तुमने,
तुम्ही मेरी नजरें प्रभुजी,
नजारा तुम्ही हो,
मेरी जिंदगी का,
सहारा तुम्ही हो,
तुम्ही मेरी नईया,
किनारा तुम्ही हो ॥
तुम्ही सूर्य बनकर,
चमकते हो प्यारे,
तुम्ही बिजली बनकर,
कड़कते हो प्यारे,
तुम्ही चाँद तारे प्रभुजी,
सितारा तुम्ही हो,
मेरी जिंदगी का,
सहारा तुम्ही हो,
तुम्ही मेरी नईया,
किनारा तुम्ही हो ॥
तुम्ही बनके बादल,
बरसते हो प्यारे,
तुम्ही फूल बनकर,
महकते हो प्यारे,
नदी सिंधु सागर की,
धारा तुम्ही हो,
मेरी जिंदगी का,
सहारा तुम्ही हो,
तुम्ही मेरी नईया,
किनारा तुम्ही हो ॥
कृपा कोप करुणा,
सभी काम तेरे,
सभी रूप तेरे,
सभी नाम तेरे,
‘देवेंद्र राजेंद्र कैलाश’,
शरण आए तेरे,
यति भिक्षु सद्गुरु,
हमारा तुम्ही हो,
मेरी जिंदगी का,
सहारा तुम्ही हो,
तुम्ही मेरी नईया,
किनारा तुम्ही हो ॥
तुम्ही मेरी नइया,
किनारा तुम्ही हो,
मेरी जिंदगी का,
सहारा तुम्ही हो,
तुम्ही मेरी नईया,
किनारा तुम्ही हो ॥
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि जहां शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है, वहां मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है और संकटों के बादल कभी नहीं मंडराते, ऐसी मान्यता है।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल को समाप्त होगी। यानी नवरात्रि में घटस्थापना 30 मार्च और रामनवमी 6 अप्रैल को होगी। नवरात्रि इस बार रविवार से शुरू होगी, इसलिए इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी।
साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र मास हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और नौ दुर्गाओं का आशीर्वाद बना रहता है।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 रविवार से शुरू होकर 7 अप्रैल 2025 सोमवार को समाप्त होगी। इस पावन अवसर पर आप देश के विभिन्न प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।