जब संकट कोई आए,
तू ले मैया का नाम,
तेरे पुरण होंगे काम,
जब व्याकुल मन घबराए,
तू ले मईया का नाम,
तेरे पुरण होंगे काम ॥
चलते चलते राह में भटके,
काम कोई जब तेरा अटके,
हर दुःख का यही उपाय,
हर दुःख का यही उपाय,
तू ले मईया का नाम,
तेरे पुरण होंगे काम ॥
कठिनाई जब कोई आए,
संगी साथी काम ना आए,
जब राह कोई ना पाए,
जब राह कोई ना पाए,
तू ले मईया का नाम,
तेरे पुरण होंगे काम ॥
जय माता की जपता जो माला,
झूम रहा वो हर मतवाला,
‘अंकुश’ भी अब तो गाये,
‘अंकुश’ भी अब तो गाये,
तू ले मईया का नाम,
तेरे पुरण होंगे काम ॥
जब संकट कोई आए,
तू ले मईया का नाम,
तेरे पुरण होंगे काम,
जब व्याकुल मन घबराए,
तू ले मैया का नाम,
तेरे पुरण होंगे काम ॥
पांच दिवसीय दीपावली त्योहार का समापन भाई दूज के साथ होता है। भाई दूज विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर में शुक्ल पक्ष के दूसरे चंद्र दिवस पर मनाया जाता है।
दिवाली के दो दिन पहले मनाया जाने वाला हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार धनतेरस या धनत्रयोदशी कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है।
नरक चतुर्दशी, रूप चौदस या छोटी दिवाली एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो दिवाली के एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित है।
दीपोत्सव दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का प्रमुख त्योहार गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आता है।