सुनले ओ मेरी मैया,
मुझे तेरा ही सहारा,
तेरा ही सहारा मुझे,
तेरा ही सहारा ॥
दूर दूर तक ओ मेरी मैया,
सूझे नहीं किनारा,
एक बार आ जाओ मैया,
मैंने तुम्हे पुकारा,
तुम बिन कौन हमारा,
माँ तुम बिन कौन हमारा,
तेरा ही सहारा मुझे,
तेरा ही सहारा ॥
नैया हमारी ओ मेरी मैया,
अब है तेरे भरोसे,
खेते खेते हार गया हूँ,
डरता हूँ लहरों से,
घिर गए काले बादल,
और छाया है अँधियारा,
तेरा ही सहारा मुझे,
तेरा ही सहारा ॥
अंधियारी रातों में मैया,
बिजली कढ़ कढ़ कढ़के,
डूब ना जाए नैया मेरी,
दिल मेरा ये धडके,
‘श्याम’ को भी तारो,
लाखों को तुमने तारा,
तेरा ही सहारा मुझे,
तेरा ही सहारा ॥
सुनले ओ मेरी मैया,
मुझे तेरा ही सहारा,
तेरा ही सहारा मुझे,
तेरा ही सहारा ॥
कामधेनु एक दिव्य गाय है, जिसे सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाली माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान निकले चौदह रत्नों में से एक, कामधेनु को देवताओं और दानवों दोनों ने ही पाने की इच्छा रखी थी।
वेंकटेश्वर भगवान को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। तिरुमाला के वेंकटेश्वर मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापित है, जो विश्व के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष ।
ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥
सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है,
जिथे किथे मैनु लै छडाई