शिव के रूप में आप विराजे,
भोला शंकर नाथ जी ॥
श्लोक – सौराष्ट्रे सोमनाथं च,
श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्,
उज्जयिन्यां महाकाल,
ओमकारम ममलेश्वरम्।
परल्यां वैजनाथं च,
डाकियन्यां भीमशंकरम्,
सेतुबन्धे तु रामेशं,
नागेशं दारुकावने,
वारणस्यां तु विश्वेशं,
त्र्यम्बकं गौतमी तटे,
हिमालये तु केदारं,
ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥
आकाशे तारकम लिंगम,
पाताले हाटकेश्वरम,
मृत्युलोके महाकालम,
लिंगम त्रयो नमोस्तुते ॥
शिव के रूप में आप विराजे,
भोला शंकर नाथ जी,
सारी दुनिया तुमको पूजे,
माँ गौरा के साथ जी,
बोल बम बोल बम,
बोल बम बम ॥
सौराष्ट्र में सोमनाथ जी,
श्री शैले मलिकार्जुनम्,
ओमकारेश्वर में ममलेश्वर,
गोमती तट में त्रंबकेश्वर,
उज्जैन में महाकाल स्वयंभू,
कालों के है काल जी,
सारी दुनिया तुमको पूजे,
माँ गौरा के साथ जी,
बोल बम बोल बम,
बोल बम बम ॥
परल्यां में वैजनाथ है,
डाकियन्या में भीम शंकर,
वाराणसी में विश्वेश्म् है,
नागेशं दारूकावने,
हिमालय में दर्शन करलो,
बद्री केदारनाथ जी,
सारी दुनिया तुमको पूजे,
माँ गौरा के साथ जी,
बोल बम बोल बम,
बोल बम बम ॥
अमरनाथ में आते बाबा,
बर्फानी देने दर्शन,
घृष्णेश्वर के दिव्य है दर्शन,
चलो चले वेरुल शहर,
समुंद्र तट पर रामेश्वर को,
पूजे थे श्री राम जी,
सारी दुनिया तुमको पूजे,
माँ गौरा के साथ जी,
बोल बम बोल बम,
बोल बम बम ॥
शिव के रूप में आप विराजें,
भोला शंकर नाथ जी,
सारी दुनिया तुमको पूजे,
माँ गौरा के साथ जी,
बोल बम बोल बम,
बोल बम बम ॥
महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी, महाशिवरात्रि के दिन होगा, इस दिन भारी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। 26 फरवरी, महाशिवरात्रि के दिन, संगम पर होने वाले अंतिम शाही स्नान के साथ ही इस आयोजन का समापन हो जाएगा।
महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद अब सभी अखाड़े और साधु- संन्यासी इस समय काशी में हैं। बाबा विश्वानाथ की पूजा-आराधना के बिना महाकुंभ का शाही स्नान शैव संप्रदाय के नागा साधुओं के लिए अधूरा माना जाता है।
Aaj Ka Panchang 25 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और परिघ योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा धनु राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि है। वहीं आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर श्रवण नक्षत्र और परिघ और शिव योग का संयोग बन रहा है।