सांवरिया थारी याद में,
अँखियाँ भिगोया हाँ,
कद आंसू पोछण ताईं,
थे आवोगा,
कद आंसू पोछण ताईं,
थे आवोगा ॥
म्हारी जीवन नैया थारे,
चरणा शीश का दानी,
हाथ लगा दो पार करा दो,
कर दो ना थे मेहरबानी,
खाटू का राजा कद म्हारे,
सिर पर हाथ फिराओगा,
कद आंसू पोछण ताईं,
थे आवोगा ॥
जद जद थारी ज्योत जगाई,
हिवड़ो भर भर आयो,
बाबो म्हारे सागे कोणी,
सोच के जी मचलायो,
बाबा बतलाओ कद मेरो,
मन को भरम थे तोड़ोगा,
कद आंसू पोछण ताईं,
थे आवोगा ॥
जग यो सारो जाणे थारी,
म्हारी प्रीत पुराणी,
म्हा पर के के बित्यो बाबा,
थासु कुछ नहीं छानी,
कुणाल यो हारयो कद वाकी,
बोलो जीत कराओगा,
कद आंसू पोछण ताईं,
थे आवोगा ॥
सांवरिया थारी याद में,
अँखियाँ भिगोया हाँ,
कद आंसू पोछण ताईं,
थे आवोगा,
कद आंसू पोछण ताईं,
थे आवोगा ॥
सनातन हिंदू धर्म में, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सनातन हिंदू धर्म में कालाष्टमी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विशेष दिन काल भैरव बाबा को समर्पित है। यदि कोई साधक इस तिथि पर सच्चे मन से भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव बाबा की पूजा करता है।
विश्व के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित षटतिला एकादशी के व्रत का सनातन धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व है।
भगवान अय्यप्पा हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं, जो विशेष रूप से केरल राज्य में पूजे जाते हैं। वे विष्णु और शिव के संयुक्त रूप माने जाते हैं। अय्यप्पा के बारे में कई कथाएं हैं, जो विभिन्न पौराणिक ग्रंथों और धार्मिक कथाओं में बताई जाती हैं।