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सांवरे को दिल में बसा के तो देखो(Sanware Ko Dil Me Basa Kar To Dekho)

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो(Sanware Ko Dil Me Basa Kar To Dekho)

कर्ता करे ना कर सके,

पर गुरु किए सब होये ।

सात द्वीप नौ खंड मे,

मेरे गुरु से बड़ा ना कोए ॥


सांवरे को दिल में बसा के तो देखो

दुनिया से मन को हटा के देखो

बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी

इक बार वृन्दावन आ करके तो देखो


बांके बिहारी भक्तों के दिलदार

सदा लुटाते हैं कृपा के भण्डार


मीरा ने जैसे गिरिधर की पाया

प्याला ज़हर का अमृत बनाया

मीरा सी हस्ती मिटा कर तो देखो

इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो...


कोई तन दुखी कोई मन दुखी

कोई धन बिन रहे उदास

थोड़े थोड़े सब दुखी,

सुखी राम के दास


तेरी पल में झोली वो भर देगा

दुःख दर्द जिंदगी के वो हर लेगा

चौखट पे दामन फैला कर तो देखो

बस, इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो


‘चित्र विचित्र’ का तो बस यही कहना

प्रभु चरणो से कही दूर नहीं रहना

जिंदगी यह बंदगी में मिटा कर तो देखो

इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

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महाकुंभ का चौथा शाही स्नान

प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत अगले महीने होने जा रही है। यह 13 जनवरी से शुरू होगा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर खत्म होगा। इस दौरान 6 शाही स्नान होंगे। पंचागों के मुताबिक ऐसा संयोग 144 साल में बना है।

महाकुंभ का पांचवा शाही स्नान

महाकुंभ मेला भारत की आध्यात्मिक संस्कृति का अद्वितीय पर्व है। इसे आस्था, भक्ति और सामाजिक एकता का प्रतीक माना जाता है। वहीं कुंभ में होने वाले शाही स्नान का भी खास महत्व है।

महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान

महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान है। इस बार कुंभ का आयोजन तीर्थ नगरी प्रयागराज में हो रहा है। जिसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गई है। 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले के दौरान करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेंगे।

महाकुंभ का पहला शाही स्नान

हिंदू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कहे जाने वाले महाकुंभ में अब एक महीने से भी कम का समय रह गया है। सभी 13 प्रमुख अखाड़े प्रयागराज पहुंच भी चुके हैं। और पहले शाही स्नान के लिए तैयार है।

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