महाकुंभ मेला भारत की आध्यात्मिक संस्कृति का अद्वितीय पर्व है। इसे आस्था, भक्ति और सामाजिक एकता का प्रतीक माना जाता है। वहीं कुंभ में होने वाले शाही स्नान का भी खास महत्व है। इस बार 6 शाही स्नान होने वाले हैं। इनमें पांचवा स्नान माघी पूर्णिमा को किया जाएगा। माघी पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार बहुत पवित्र तिथि है।मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से आत्मा की शुद्धि होती है और व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है। इसी कारण से साधु-संत और अखाड़ों के महंत इस दिन विशेष रीतियों से महाकुंभ में स्नान करते हैं। चलिए आपको माघी पूर्णिमा की तारीख और इस दिन होने वाले शाही स्नान के शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं।
माघ मास में यह पूर्णिमा पड़ती है, जिसके कारण इसे माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाता है। बता दें कि इस दिन शाही स्नान का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगा और 6 बजकर 10 मिनट पर खत्म हो जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन देवता मनुष्य रूप धारण कर धरती पर आते हैं और संगम नदी पर स्नान करते हैं। इसी कारण से माघी पूर्णिमा का खास महत्व है। कहा जाता है जो व्यक्ति माघी पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम पर स्नान करता है, और पूजा पाठ करता है। उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती और उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
माघी पूर्णिमा पर स्नान करने वालों भक्तों को भगवान हरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि माघी पूर्णिमा पर न स्नान करने वालों को भगवान विष्णु मोक्ष का वरदान देते हैं। साथ ही .इस दिन पितरों के श्राद्ध की भी मान्यता है। माघी पूर्णिमा पर दान का भी खास महत्व है, इसलिए इस दिन गरीबों को भोजन जरूर दान करें।
मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥
मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।
मैया आरासुरी करजो आशा पूरी म्हारी अम्बे,
हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,
मैया अम्बे मैया,
लाल तेरा घबराये हर पल तुझे बुलाये ॥