सभकेर सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे
हमरा किए बिसरै छी हे
थिकहुँ पुत्र अहींकेर जननी
से तऽ अहाँ जनै छी हे
एहन निष्ठुर किए अहाँ भेलहुँ
कनिको दृष्टि नहि दै छी हे
क्षण-क्षण पल-पल ध्यान करै छी
नाम अहींकेर जपै छी हे
रैनि-दिवस हम ठाढ़ रहै छी
दर्शन बिनु तरसै छी हे
छी जगदम्बा, जग अवलम्बा
तारिणि तरणि बनै छी हे
हमरा बेरि किए ने तकै छी
पापी जानि ठेलै छी हे
सभ के सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे
त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ इसी के नाम पर पड़ा त्रिपुरा का नाम, तीनों लोकों में इन से सुंदर कोई नहीं
त्रिपुरमालिनी शक्तिपीठ में पूजा से होती है पुत्र की प्राप्ति, इसे स्तन पीठ भी कहा जाता है
बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग धाम में स्थित है जय दुर्गा शक्तिपीठ, मंदिर में रेशम बांधने की परंपरा
देशभर में आदिवासियों की देवी के रूप में मशहूर हैं दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी देवी, नवरात्रि पर होती है गुप्त पूजा