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प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे, बाद बहुत पछताओगे (Prabhu Ko Agar Bhuloge Bande Need Kahan Se Laoge)

प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे, बाद बहुत पछताओगे (Prabhu Ko Agar Bhuloge Bande Need Kahan Se Laoge)

प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,

बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,

भूख कहा से लाओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,

भूख कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,

बाद बहुत पछताओगे ॥


पैसे के खातिर तू बन्दे,

करता रहा हेरा फेरी,

घी में डालडा, डालडा में घी,

करते नही तनिक देरी,

सुंदर वक़्त को कब तक बन्दे,

व्यर्थ में यू ही गवाओगे,

पैसे से बिस्तर लाओगे,

नींद कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,

बाद बहुत पछताओगे ॥


साबुन से इस् तन को बन्दे,

धोता रहा तू मल-मल के,

मन तो तेरा गंदा रह गया,

तीरथ करता चल-चल के,

प्रभु शरण में नही गए तो,

बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से गहना लाओगे,

रूप कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,

बाद बहुत पछताओगे ॥


संगीत है शक्ति ईश्वर का,

इसका ही गुणगान करो,

मन को बांधो तन को साधो,

कभी नही अभिमान करो,

अगर साधना नही करोगे,

अंत समय पछताओगे,

पैसे से सरगम सीखोगे,

दर्द कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,

बाद बहुत पछताओगे ॥


प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,

बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,

भूख कहा से लाओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,

भूख कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,

बाद बहुत पछताओगे ॥


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नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि

नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं—चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय नवरात्र।

नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट

नवरात्र की नौ दिनों की अवधि में नवदुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के साथ-साथ कलश स्थापना की जाती है।

नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें

कलश स्थापना को शुभता और मंगल का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कलश में जल को ब्रह्मांड की सभी सकारात्मक ऊर्जाओं का स्रोत माना गया है।

चैत्र और शारदीय नवरात्रि में अंतर

सनातन परंपरा में नवरात्रि का पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहला चैत्र के महीने में, जिससे हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है, जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। दूसरा, आश्विन माह में आता है, जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं।

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