पत राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥
प्रथमे तुम्हे मनाए,
हे संग्राम विजेता,
पूजा करें तुम्हारी,
है देवन के देवा,
शीश झुकाऊं तुम्हे मनाऊ,
मैं तिलक लगाऊ भाल,
हम तेरी शरण आये,
पत राखों गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥
शंकर पिता तुम्हारे,
शिव शंकर कैलाशी,
रिद्धि सिद्धि के स्वामी,
लंबोदर अविनाशी,
मंगल करदो कंठ में भरदो,
मेरे सुंदर सुर और ताल,
हम तेरी शरण आये,
पत राखों गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥
संकट हर लो मेरे,
ए दुख हरने वाले,
झोली भर दो सबकी,
झोली भरने वाले,
जोश तुम्हारे आया द्वारे,
ले कर फूलो के हार,
हम तेरी शरण आये,
पत राखों गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥
पत राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥
मसान होली दो दिवसीय त्योहार माना जाता है। मसान होली चिता की राख और गुलाल से खेली जाती है। काशी के मणिकर्णिका घाट पर साधु-संत इकट्ठा होकर शिव भजन गाते हैं और नाच-गाकर जीवन-मरण का जश्न मनाते हैं और साथ ही श्मशान की राख को एक-दूसरे पर मलते हैं और हवा में उड़ाते हैं। इस दौरान पूरी काशी शिवमय हो जाती है और हर तरफ हर-हर महादेव का नाद सुनाई देता है।
होली का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार रंगों के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों का भी प्रतीक है। होलिका दहन से पहले पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
होली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे रंगों और खुशियों के साथ मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली के दिन किए गए कुछ उपाय आपके जीवन में सुख-समृद्धि, आर्थिक उन्नति और कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक हो सकते हैं?
रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।