Logo

ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा (O Shankara Mere Shiv Shankara)

ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा (O Shankara Mere Shiv Shankara)

ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है,

तुझसे कुछ नही छिपा है,

शंकरा भोलेनाथ भोलेनाथ,

ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है ॥


अंग विभूति गले रुंड माला,

शमशानों का वासी बड़ा दयाला,

गंगा किनारे डेरा ओ लागे,

नन्दी संग तेरे भैरव साजे,

ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है ॥


शरण तुम्हारे जो भी आता,

खाली हाथ कभी ना जाता,

कृपा करो दया करो,

हे शिव शंकर हे अभ्यंकर,

ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है ॥


ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है,

तुझसे कुछ नही छिपा है,

शंकरा भोलेनाथ भोलेनाथ,

ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है ॥

........................................................................................................
गया में सूर्यास्त के बाद भी यहां होता है पिंडदान और श्राद्ध

भारत की पवित्र नगरी गया दरअसल भगवान विष्णु की पावन भूमि के रूप में जानी जाती है। गया पूरे विश्व में पिंडदान और श्राद्ध के लिए प्रसिद्ध है।

चैत्र से फाल्गुन तक: भारतीय संस्कृति में 12 महीनों के आहार नियम

प्राचीन भारतीय परंपराओं और आयुर्वेद में आहार का सीधा संबंध ऋतु और शरीर की ज़रूरतों से बताया गया है। भारतीय संस्कृति के अभ्यासी और भारतीय संस्कृति के जानकार पंडित डॉ. राजनाथ झा इस विषय पर बताते हैं कि हर महीने के अनुसार आहार का चयन करना न केवल शरीर के स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक संतुलन के लिए भी आवश्यक है।

मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र

मां ने अपने हाथों में क्यों धारण किए हैं अस्त्र-शस्त्र, जानिए मां के प्रत्येक अस्त्र और शस्त्र की कहानी

माता की अष्ट सिद्धियां

यह होती हैं नौ दुर्गा मां की अष्ट सिद्धियां, भगवान शिव ने भी मैय्या से प्राप्त की थीं दिव्य शक्तियां

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang