ओ मोटे मोटे नैनन के तू ,
ओ मीठे मीठे बैनन के तू
साँवरी सलोनी सूरत के तू ,
ओ प्यारी प्यारी मूरत के तू ।
ओ कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये,
बाँके-बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये ॥
काजल की कोरे - ओय होय होय,
मेरा जिगर मरोड़े - ओय होय होय,
रंग रस में भोरे - ओय होय होय,
मै तो हारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये ॥
आँखों का काजल - ओय होय होय,
मेरा जिगर है घायल - ओय होय होय,
तेरे प्यार में पागल - ओय होय होय,
कर डारि रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये ॥
तेरे मुकुट की लटकन - ओय होय होय,
तेरे अधर की मुस्कन - ओय होय होय,
गिरवह की मटकन - ओय होय होय,
बलिहारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये ॥
तेरी प्रीत है टेडी - ओय होय होय,
तेरी रीत है टेडी - ओय होय होय,
तेरी जीत है टेडी - ओय होय होय,
मै तो हारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाये ॥
बाँके-बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाये - ओय होए होय
ओय नजर ना लग जाये - ओय होए होय
हाय नजर ना लग जाये - ओय होए होय
शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।
पंचमी पर नागों को दूध चढ़ाने से होता है ये लाभ, जानिए क्या है नाग पंचमी की पौराणिक मान्यताएं
सतयुग से हुई रक्षाबंधन की शुरुआत, जानिए क्या है भाई को राखी बांधने की सही विधि
इन कथाओं में जानें रक्षाबंधन का पौराणिक रहस्य, जब पत्नी ने अपने पति को बांधा था रक्षा सूत्र