म्हाने जाम्भोजी दीयो उपदेश,
भाग म्हारो जागियो ॥
मरूधर देश समराथल भूमि,
गुरूजी दियो उपदेश ।
पीपासर में प्रकट भया,
आय सुधारयो बागड देश ॥ १ ॥
म्हाने जाम्भोजी दीयो उपदेश,
भाग म्हारो जागियो ॥
बीदे ने विराट दिखायो पुल्हे जी ने पाताल ।
उन्नतीस नियम सुणाय गुरूजी पायो म्हाने अमृत पाहल ॥ २ ॥
सांगा राणा और नरेषां,
परच्यो महमद खान ।
लोदी सिकन्दर ऐसो परच्यो,
पढणी छोड दी कुरान ॥ ३ ॥
म्हाने जाम्भोजी दीयो उपदेश,
भाग म्हारो जागियो ॥
चिम्पी चोलो उणरे तन रो पडियो जांगलु मांय ।
चिम्पी चोले रा दरसण करस्यां न्हावाला बरसिंगाली जाय ॥ ४ ॥
म्हाने जाम्भोजी दीयो उपदेश,
भाग म्हारो जागियो ॥
मोखराम बंगांली वालो,
हरिचरणा लवलीन ।
दास जाण म्हापे किरपा कीज्यो,
भक्ति में होऊ प्रवीण ॥ ५ ॥
म्हाने जाम्भोजी दीयो उपदेश,
भाग म्हारो जागियो ॥
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