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मेरे तन में भी राम, मेरे मन में भी राम(Mere Tan Mein Bhi Ram Mere Maan Mein Bhi Ram)

मेरे तन में भी राम, मेरे मन में भी राम(Mere Tan Mein Bhi Ram Mere Maan Mein Bhi Ram)

मेरे तन में भी राम,

मेरे मन में भी राम,

रोम रोम में समाया तेरा नाम रे,

मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥


जैसे चंदा में राम,

जैसे सूरज में राम,

अम्बर तारों में समाया तेरा नाम रे,

मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥


जैसे भीलनी के राम,

जैसे मीरा के श्याम,

नर नारी में समाया तेरा नाम रे,

मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥


जैसे सीता के राम,

जैसे राधा के श्याम,

पत्ते पत्ते में समाया तेरा नाम रे,

मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥


मेरे तन में भी राम,

मेरे मन में भी राम,

रोम रोम में समाया तेरा नाम रे,

मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥

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बुधवार व्रत कथा

सनातन धर्म में बुधवार का दिन विघ्नहर्ता यानी भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। पौराणिक मान्यता है कि जो भी भक्त बुधवार के दिन सच्चे मन से गणेशजी की पूजा-अर्चना करता है, उसकी जिंदगी से धीरे-धीरे सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

गुरुवार व्रत कथा

हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित है और फिर उन्हीं के अनुसार उनकी पूजा की जाती है। ठीक ऐसे ही सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

शुक्रवार व्रत कथा

हिंदू धर्म में शुक्रवार के दिन मां संतोषी और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि शुक्रवार को माता संतोषी और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है और माता रानी अपने भक्तों को सभी कष्टों से बचाती हैं।

शनिवार व्रत कथा

शनिदेव को ग्रहों का राजा कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिवत शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और कुंडली में साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है।

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