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मेरे राम की सवारी (Mere Ram Ki Sawari)

मेरे राम की सवारी (Mere Ram Ki Sawari)

हे उतर रही हे उतर रही

मेरे राम की सवारी हो

स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो

हे उतर रही हे उतर रही

मेरे राम की सवारी हो

स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो


सोने की नगरी रत्नों की धरती

चमक न्यारी हो

स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो


एक ही नाम का

एक ही काम का

चहूं ओर घन घोर

जय घोष श्री राम का


बदल रहा युग बदल रहा हेरी

बदल रहा युग बदल रहा

देवों ने आरती उतारी हो


स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो

स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो


हमरे भी द्वारे

तुम्हरे भी द्वारे

आंगन आंगन घर घर

राम जी पधारे


झूमे नभ जल थल

तीनों लोकों में हल चल

मच रही भारी हो


स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो


हे उतर रही हे उतर रही

मेरे राम की सवारी हो

स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो


सोने की नगरी रत्नों की धरती

चमक न्यारी हो

स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो


स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो

स्वागत करता स्वयं मेरे

भोले भंडारी हो


भोले भंडारी हो

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दिवाली पूजा के विशेष फल

रोशनी और सजावट के पर्व दीपावली में धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा विधि-विधान से पूर्ण की जाती है।

देश में दिवाली मनाने के अलग-अलग तरीके और परंपरा

भारत की सांस्कृतिक विविधता दिवाली के पर्व में भी स्पष्ट रूप से झलकती है। दिवाली का त्योहार भारतीय संस्कृति की विविधता का भी प्रतीक है।

इन फूलों को माना जाता है मां लक्ष्मी का प्रिय

दीपावली पर धन की देवी के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि, यश और वैभव आता है। ऐसे में हर व्यक्ति चाहता है कि वह माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करे।

2 दिन मनाई जाएगी दीपावली, जानें शुभ मुहूर्त

दीपावली का पर्व हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इसे अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन धन की देवी महालक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है।

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