मेरे गणनायक तुम आ जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥
मेरी सखियाँ मुझसे पूछे है,
कब आएंगे गजमुख बोलो,
अब अष्ट विनायक आ जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओं,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥
मन व्याकुल है तन डोले है,
हर साँस मेरी यही बोले है,
अब गौरी नंदन आ जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओं,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥
गौरा के मन मन का तू गौरव,
शिव जी की अँखियों का तारा,
अब विघ्न विनाशक आ जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओं,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥
तेरा मुख मंगल की मूरत है,
तेरा दर्श ही गणपति अमृत है,
कभी मुझ पे दया बरसा जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥
मेरे मन में गणपति भक्ति रहे,
तेरी भक्ति ही दाता शक्ति रहे,
रंग ऐसा मुझपे चढ़ा जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओं,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥
विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।
सनातन धर्म में महाशिवरात्रि बेहद खास मानी गई है। यह दिन देवो के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था।
इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 दिन बुधवार को मनाई जाएगी। ज्योतिष आचार्यों की मानें तो इस बार महाशिवरात्रि के दिन बुध देव का शनि की राशि कुंभ में उदय हो रहा है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि 26 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। सभी शिवभक्तों को हर साल महाशिवरात्रि के पर्व का इंतजार बेसब्री से रहता है।