माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो
मन मे मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो ॥
जनम जनम का साथ हो तेरा इतना आशीर्वाद दो,
कृपा तेरी बनी रहे माँ सर पे तेरा हाथ हो,
माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो,
मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,
माँ दुर्गे आशीष दो ॥
जब भी तुझको याद किया पल में दर्श दिखाती हो,
अपने बच्चो को मैया ममता से गले लगाती हो,
माँ गले लगाती हो,
माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो।
मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,
माँ दुर्गे आशीष दो ॥
तेरे नाम का अमृत पाये ऐसी किरपा कर दे माँ,
झोलियाँ सबकी भर जाये नजर मेहर की करदे माँ,
नजर मेहर की करदे माँ,
माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो,
मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,
माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो ॥
मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,
माँ दुर्गे आशीष दो ॥
ॐ जय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥
श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी।
राजेश्वरी जय नमो नमः॥
जय जय तुलसी माता, सब जग की सुखदाता,
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर,
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।
सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥