करदो करदो बेडा पार,
राधे अलबेली सरकार ।
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
करदो करदो बेडा पार,
राधे अलबेली सरकार ।
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
बार बार श्री राधे हमको,
वृन्दावन में बुलाना । ..x2
आप भी दर्शन देना,
बिहारी जी से भी मिलवाना ।
यही है विनती बारम्बार,
राधे अलबेली सरकार ॥
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
करदो करदो बेडा पार,
राधे अलबेली सरकार ।
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
तेरी कृपा बिना श्री राधे,
कोई ना ब्रिज में आये । ..x2
तेरी कृपा जो हो जाए,
तो भवसागर तर जाए।
तेरी महिमा अपरम्पार,
राधे अलबेली सरकार ॥
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
करदो करदो बेडा पार,
राधे अलबेली सरकार ।
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
तेरी कृपा से राधा रानी,
बनते हैं सब काम । ..x2
छोड़ के सारी दुनियादारी,
आगए तेरे धाम ।
सुन लो मेरी करुण पुकार,
राधे अलबेली सरकार॥
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
करदो करदो बेडा पार,
राधे अलबेली सरकार ।
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
वृन्दावन की गली गली में,
धूम मची हैं भारी । ..x2
श्री राधे राधे बोल बोल के,
झूम रहे नर नारी ।
तेरी होवे जय जयकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
करदो करदो बेडा पार,
राधे अलबेली सरकार ।
राधे अलबेली सरकार,
राधे अलबेली सरकार ॥
शीतला अष्टमी का पर्व श्रद्धा और नियमों का पालन करने का दिन होता है। इस दिन विशेष रूप से ठंडे भोजन का सेवन किया जाता है, क्योंकि माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है।
सनातन धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है। इसे भगवान काल भैरव की उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजा करने से साधकों को शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त होती है।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है, जो भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को जन्मे थे।
चेटीचंड, सिंधी समुदाय के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व चैत्र शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है, जिसे सिंधी नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है।