जय माता दी बोल,
चली आएगी भवानी,
आएगी भवानी चली,
आएगी भवानी,
जय माता दी बोंल,
चली आएगी भवानी ॥
बड़ी ही दयालु है ये,
बड़ी ही है दानी,
बड़ी ही दयालु है ये,
बड़ी ही है दानी,
जय माता दी बोंल,
चली आएगी भवानी ॥
लाल लाल चुनरी है,
माँ की निशानी,
लाल लाल चुनरी है,
माँ की निशानी,
जय माता दी बोंल,
चली आएगी भवानी ॥
जय जयकार मैया जी को,
लगती सुहानी,
जय जयकार मैया जी को,
लगती सुहानी,
जय माता दी बोंल,
चली आएगी भवानी ॥
झोली भरे सबकी,
है माँ वरदानी,
झोली भरे सबकी,
है माँ वरदानी,
जय माता दी बोंल,
चली आएगी भवानी ॥
‘सोनू’ अपनी मैया से,
प्रीत है पुरानी,
‘सोनू’ अपनी मैया से,
प्रीत है पुरानी,
जय माता दी बोंल,
चली आएगी भवानी ॥
जय माता दी बोल,
चली आएगी भवानी,
आएगी भवानी चली,
आएगी भवानी,
जय माता दी बोंल,
चली आएगी भवानी ॥
होलिका दहन हर साल होली के एक दिन पहले किया जाता है। ये दिन असत्य पर सत्य और भक्ति की जीत का प्रतीक है और इस दिन भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को याद किया जाता है।
होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत और भक्ति की शक्ति को दर्शाता है। कुछ जगह मान्यता है कि होलिका में राक्षस हिरण्यकश्युप की बहन होलिका जल गईं थीं इसलिए ये अशुभता का प्रतीक है।
होली का त्योहार प्रेम, एकता और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है और कई आध्यात्मिक कहानियों से जुड़ा हुआ है।
होली भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व रंगों, खुशियों और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है।