जबसे बरसाने में आई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,
मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,
मैं बड़ी मस्ती में प्यारे,
मैं बड़ी मस्ती में प्यारे,
जब से तुम संग लौ लगाई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥
छा गई आँखों में दिल में,
बस तेरी दीवानगी, ॥छा गई आँखों...
तू ही तू बस दे दिखाई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ, ॥तू ही तू ...
मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,
जब से तुम संग लो लगाई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥
॥ जबसे बरसाने में आई...॥
ना तमन्ना दौलतों की,
शोहरतों की लाड़ली, ॥ना तमन्ना...
नाम की करके कमाई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ, ॥नाम की...
मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,
जब से तुम संग लो लगाई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥
॥ जबसे बरसाने में आई...॥
बांकी चितवन सांवरी,
मन मोहनी सूरत तेरी, ॥बांकी चितवन...
जबसे है दिल में समाई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ, ॥जबसे है...
मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,
जब से तुम संग लो लगाई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥
॥ जबसे बरसाने में आई...॥
जबसे बरसाने में आई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,
मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,
मैं बड़ी मस्ती में प्यारे,
मैं बड़ी मस्ती में प्यारे,
जब से तुम संग लौ लगाई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥
पश्चिम बंगाल के चंडिका शक्तिपीठ में माता सती के चंडी और भगवान शिव के कपिलंबर स्वरूप की पूजा होती है।
माता सती के कपालिनी और भगवान शिव के शर्वानंद स्वरूप के दर्शन बरगाभीमा या कपालिनी शक्तिपीठ में मिलते हैं।
नंदिकेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर में माता सती के शरीर का कोई अंग नहीं बल्कि उनका आभूषण हार गिरा था। यहां माता के देवी नंदिनी और शिव के नंदकिशोर स्वरूप की पूजा होती है।
अवंती मां शक्तिपीठ मंदिर, मध्य प्रदेश के प्राचीनतम शहर उज्जैन में स्थित है। इसे गढ़ कालिका मंदिर भी कहा जाता है।