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हमारे हैं श्री गुरुदेव, हमें किस बात की चिंता (Hamare Hain Shri Gurudev Humen Kis Bat Ki Chinta)

हमारे हैं श्री गुरुदेव, हमें किस बात की चिंता (Hamare Hain Shri Gurudev Humen Kis Bat Ki Chinta)

हमारे हैं श्री गुरुदेव,

हमें किस बात की चिंता,

हमारे साथ हैं गुरुदेव,

हमें किस बात की चिंता ।


चरण में रख दिया जब माथ,

हमें किस बात की चिंता ॥

मेरे स्वामी को रहती है,

मेरी हर बात की चिंता ।

मेरे बाबा को रहती है,

मेरी हर बात की चिंता ॥


किया करते हो तुम दिन रात,

क्यूँ बिन बात की चिंता ।

रहे हर स्वांस में भगवन,

तेरे इक नाम की चिंता ॥


हुई इस दास पर कृपा,

बनाया दास प्रभु अपना ।

उन्ही के हाथों में जब हाथ,

हमे किस बात की चिंता ॥


हमारे हैं श्री गुरुदेव,

हमें किस बात की चिंता,

हमारे साथ हैं गुरुदेव,

हमें किस बात की चिंता ।


गुरुदेव तुम्हारी जय होवे ।

मेरे बाबा तुम्हारी जय होवे ॥

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क्या महिलाएं भी नागा साधु बन सकती हैं

महाकुंभ की शुरुआत अगले महीने से होने जा रही है। साधु-संत के अखाड़े प्रयागराज पहुंच चुके हैं। पहला शाही स्नान 13 जनवरी को होने वाला है। अब जब शाही स्नान की बात आ ही गई हैं, तो आपके दिमाग में नागा साधुओं का नाम जरूर आया होगा। भगवान शिव के उपासक और शैव संप्रदाय के ताल्लुक रखने वाले नागा साधु शाही स्नान के कारण चर्चा में रहते हैं।

कौन बन सकता है नागा साधु ?

जनवरी 2025 से कुंभ मेले की शुरुआत संगम नगरी प्रयागराज में होने जा रही है। इस दौरान वहां ऐसे शानदार नजारे देखने को मिलेंगे, जो आम लोग अपनी जिंदगी में बहुत कम ही देखते हैं। अब जब कुंभ की बात हो रही है, तो नागा साधुओं की बात जरूर होगी ही। यह मेले का मुख्य आकर्षण होते है, जो सिर्फ कुंभ मेले के दौरान ही दिखाई देते है।

नागा साधुओं का रहस्यमी इतिहास

हिंदुओं के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम महाकुंभ की शुरुआत में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। पहला शाही 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर होने वाला है। इसमें सबसे पहले नागा साधु स्नान करेंगे।

रहस्यमयी जिंदगी जीते हैं नागा साधु

नागा साधु को महाकुंभ का आकर्षण माना जाता है, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इनका शाही स्नान में महत्व बहुत अधिक है। क्योंकि इन्हें आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

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