गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत
गुरु मेरा देव अलख अभेव
सरब पूज्य, चरण गुरु सेवू
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु बिन अवर नहीं मैं थाओ
अन दिन जपो, गुर गुर नाओ
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु मेरा ग्यान, गुरु रिदे धयान
गुरु गोपाल पुरख भगवान्
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु की सरन रहूँ कर जोर
गुरु बिना मैं नाही होर
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु बोहित तारे भव पार
गुरु सेवा ते यम छुटकार
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
अन्धकार में गुरु मन्त्र उजारा
गुरु कै संग सगल निस्तारा
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु पूरा पाईये वडभागी
गुरु की सेवा दुःख ना लागी
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु का सबद ना मेटे कोई
गुरु नानक नानक हर सोए
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत
उपनयन संस्कार, जिसे जनेऊ संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से 10वां संस्कार है। यह संस्कार पुरुषों में जनेऊ धारण करने की पारंपरिक प्रथा को दर्शाता है, जो सदियों से चली आ रही है।
सनातन धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत करने से पहले शुभ तिथि और मुहूर्त का महत्व बहुत अधिक है। यह मान्यता है कि शुभ तिथि और मुहूर्त में किया गया कार्य अवश्य सफल होता है।
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।