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चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी (Chandraghanta Maa Se Arji Meri)

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी (Chandraghanta Maa Se Arji Meri)

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


दस हाथ सुशोभित है,

दस भुजा सुशोभित है,

सोने सा रूप तेरा,

जिस पर जग मोहित है,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


तू अति बलशाली है,

माँ अति बलशाली है,

दुष्टों का दमन करती,

तेरी शान निराली है,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


जादू या अजूबा है,

चंद्रघंटा सवारे दुनिया,

जिसने माँ को पूजा है,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


तलवार कमंडल माँ,

घंटे की प्रबल ध्वनि से,

गूंजे भूमंडल माँ,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


भोग दूध शहद भाता,

बस पूजन अर्चन से,

दुःख निकट नहीं आता,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


तेरी पूजा खुशहाली है,

हे मात चंद्रघंटा,

तेरी शान निराली है,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


दुःख ‘अनुज’ का भी हरती,

शरणागत की रक्षा,

‘देवेन्द्र’ सदा करती,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


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शनि प्रदोष व्रत मुहूर्त और तारीख

सनातन हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है। पर प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने पर उसे शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।

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शुक्रदेव की पूजा कैसे करें?

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मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि व्रत काफ़ी शुभ माना जाता है। यह त्योहार हर मास कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मनाया जाता है। इस बार यह व्रत शुक्रवार, 29 नवंबर 2024 के दिन मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त इस तिथि पर व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं, उन्हें सुख-शांति और धन-वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि शिव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत काफ़ी महत्वपूर्ण है।

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