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बोल सुवा राम राम, मीठी मीठी वाणी रे (Bol Suva Ram Ram Mithi Mithi Vani Re)

बोल सुवा राम राम, मीठी मीठी वाणी रे (Bol Suva Ram Ram Mithi Mithi Vani Re)

बोल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


दोहा – राम किया सुख उपजे,

और कृष्ण किया दुःख जाय,

एक बार हरी ॐ रटे,

तो भव बंधन मिट जाय ॥


बोल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


सोने के डाल सुवा,

पिंजरों घलाउ रे,

पिंजरे में मोत्यां वाली,

झालरी लगाउ रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


चंपा के डाल सुवा,

हिंडोरो घलाउ रे,

हिंडोरे बिठा में थाने,

हाथ स्यु हिंडावु रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


घिरत मिठाई सुवा,

लापसी बनाऊ रे,

आँवले रो रस तने,

घोल घोल पावू रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


पगलिया रे माई तने,

पजड़िया पहनाऊ रे,

मीरा गिरधारी सरने,

आया सुख पाऊ रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥

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छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी क्यों कहते हैं

नरक चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है।

धनतेरस पर क्यों खरीदी जाती है झाड़ू

धनतेरस पर विभिन्न वस्तुओं की खरीदी का रिवाज है। इस शुभ दिन पर खरीदारी करने की परंपरा धनतेरस की पौराणिक मान्यता के साथ ही आरंभ हुई है।

छोटी-बड़ी और देव दिवाली में अंतर

छोटी दिवाली अमावस्या के एक दिन पहले यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।

छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है

दिवाली से ठीक एक दिन पहले यानी 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनाई जाएगी। जिसे नरक चतुर्दशी, यम दिवाली, काली चौदस या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है।

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