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वशिष्ठ मंदिर, दिसपुर, असम (Vashistha Temple, Dispur, Assam)

वशिष्ठ मंदिर, दिसपुर, असम (Vashistha Temple, Dispur, Assam)

वैदिक काल में महार्षि वशिष्ठ ने की थी मंदिर की स्थापना


वशिष्ठ मंदिर भारत के असम की राजधानी दिसपुर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। मान्यता है कि शिव को समर्पित इस मंदिर की स्थापना वैदिक काल में महर्षि वशिष्ठ ने की थी और यहां उनका आश्रम था। यह मेघालय की सीमा के समीप है। यहां से कई जलधाराएं आती हैं जिनके किनारे यह मंदिर व आश्रम स्थित है। वशिष्ठ आश्रम 3 धारा कांता, संध्या और ललिता से घिरा है। 



भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है मंदिर 



वशिष्ठ मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है और इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर का नाम वशिष्ठ मुनि के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रसिद्ध ऋषि थे। वशिष्ठ मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में किया गया था, जब यह क्षेत्र कामरूप राज्य का हिस्सा था। मंदिर का वर्तमान स्वरूप 18वीं शताब्दी में बनाया गया था, जब अहोम राजवंश के राजा ने जीर्णोद्धार किया था। ब्रिटिश काल में, मंदिर को एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में मान्यता मिली और इसका विकास किया गया। आजादी के बाद मंदिर का विकास जारी रहा और यह असम के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बन गया। वशिष्ठ मंदिर का इतिहास इसकी प्राचीनता और धार्मिक महत्व को दर्शाता है। यह मंदिर असम की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।



वशिष्ठ मुनि से जुडी़ मंदिर की कथा 



कालिका पुराण में वशिष्ठ मंदिर को सात शक्तिपीठों में से एक बताया गया है। किंवदंतियों के अनुसार, एक बार संत वशिष्ठ देवी कामाख्या की पूजा करने के लिए कामरूप गए थे। जब राजा नरका ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो वशिष्ठ ने उन्हें श्राप दे दिया। वशिष्ठ ने संध्याचल में एक आश्रम बनाया और शिव का ध्यान करते हुए अपना जीवन व्यतीत किया। वशिष्ठ मुनि को वशिष्ठ रामायण लिखने का श्रेय दिया जाता है। वशिष्ठ मुनि ने आश्रम का निर्माण किया था। कहा जाता है कि यहीं उनकी मृत्यु हुई थी। संत वशिष्ठ की समाधि यहां देखी जा सकती है। 



शक्कादार छत और नक्काशी वाली पत्थर की दीवारें 



वशिष्ठ मंदिर की वास्तुकला शास्त्रीय असमिया मंदिर शैली को दर्शाती है, जो इसकी सादगी और भव्यता की विशेषता है। असमिया वास्तुकला की खासियत , एक शक्काकार छत, हिंदू पौराणिक कथाओं के दृश्यों को दर्शाती जटिल नक्काशीदार पत्थर की दीवारें, मुख्य देवता का निवास स्थान, विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित छोटे मंदिर, मंदिर परिसर में हरियाली की जिसके पास वशिष्ठ नदी बहती है, जो इस शांत वातावरण को और सुंदर बना देती है।


वशिष्ठ मंदिर मंदिर के त्यौहार



वशिष्ठ मंदिर में शिवरात्रि और सरस्वती पूजा सहित कई महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार मनाए जाते है। इन त्योहारों के दौरान, मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।


वशिष्ठ मंदिर कैसे पहुंचे मंदिर



हवाई मार्ग - यहां पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा गुवाहाटी एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी या स्थानीय परिवहन लेकर मंदिर जा सकते हैं।


रेल मार्ग - गुवाहाटी रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से टैक्सी ऑटो-रिक्शा लेकर मंदिर पहुंचा जा सकता है।


सड़क मार्ग  - वशिष्ठ मंदिर दिसपुर में स्थित है।दिसपुर के लिए गुवाहाटी से आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या स्थानीय बस सेवाओं का उपयोग करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं।


मंदिर का समय- सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक ।
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